Basant Panchami 2025: पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन ज्ञान, कला, विद्या की देवी मां शारदे की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि मां शारदे की उपासना करने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। अगर आप मां सरस्वती को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो वसंत पंचमी के दिन सरस्वती चालीसा का पाठ करें। इससे परीक्षा में सफलता मिलेगी और मनचाहा करियर मिलेगा। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
2025 में कब है वसंत पंचमी
पंचांग के अनुसार इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 3 फरवरी को सुबह 6 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 2 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा।
वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
इस साल 2 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। ऐसे में आप इस अवधि के समय देवी सरस्वती की पूजा कर सकते हैं।
बसंत पंचमी 2025 पर मां सरस्वती को जरूर लगाएं पीला चावल का भोग
बसंत पंचमी की पूजा में मां सरस्वती को पीले मीठे चावलों का भोग अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। इन चावलों को घी, चीनी, केसर और पंचमेवा मिलाकर तैयार किया जाता है। तैयार किए गए इस भोग को मां सरस्वती को अर्पित करने के बाद कम से कम 5 कन्याओं को खिलाना चाहिए। इसके साथ ही, घर में पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी यह भोग जरूर देना चाहिए।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें
बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने और खिचड़ी बनाने और वितरित करने का प्रचलन है। इस शुभ दिन पर मंगल कार्य शुरु हो जाते हैं। बंसत पंचमी को स्वयं सिद्ध मुहूर्त और अनसूझ साया भी माना गया है। इस दिन गृह प्रवेश, वाहन, मकान खरीदना, व्यापार या नया रोजगार आरंभ करना, सगाई और विवाह के शुभ कार्य किए जाते हैं। इस दिन लोग पीला भोजन बनाकर उसका दान नहीं करते हैं।
बसंत पंचमी में पीले रंग का महत्व
बसंत पंचमी के अवसर पर पीला रंग विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, जो समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है। इसके आलावा इस दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और देवी की पूजा के लिए पीले फूलों का उपयोग करते हैं।
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