Basant Panchami Poem in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसा, हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन ही ब्रह्मा जी के मुख से विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी। इसलिए इस दिन को सरस्वती पूजन के रूप में भी मनाया जाता है।
बसंत पंचमी से ही पेड़ो पर सूखे पतों की जगह नये पते आने शुरू हो जाते हैं। इस दिन पीले कपड़े पहनना बेहद शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन स्कूलों व कॉलेजों में सरस्वती पूजन के साथ विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस दिन बच्चों को कविताएं सनाने के लिए भी कहा जाता है। ऐसे में आज हम आपके लिए बसंत पंचमी की कुछ कविताएं लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आप बसंत ऋतु को और भी करीब से महसूस कर पाएंगे।
बसंत पंचमी पर कविता का महत्व
कविताएं बसंत पंचमी की पवित्रता, देवी सरस्वती की महिमा और वसंत ऋतु की सुंदरता को शब्दों के माध्यम से प्रकट करने के लिए पढ़ी जाती हैं। यह त्योहार के प्रति प्रेम और उसकी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का एक जरिया है। कविताएं रचनात्मकता को प्रोत्साहित करती हैं और इस अवसर पर लिखी गई कविताएं बसंत पंचमी के प्रति हमारी श्रद्धा को दर्शाने का काम करती हैं।

बसंत पंचमी पर जरूर पढ़े यें खास कविताएं
1. देवी सरस्वती की महिमा
देवी सरस्वती की पूजा इस दिन का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस विषय पर कविताएं ज्ञान, शिक्षा और संगीत के प्रति समर्पण को प्रकट करती हैं।
वीणा संगम, ज्ञान की धारा,
दे दो माँ हमें अपना सहारा।
श्वेत वसन, शांति की मूरत,
जग में बिखेरो ज्ञान की सूरत।”
2. वसंत ऋतु का स्वागत
वसंत पंचमी वसंत ऋतु के आने वाला का त्योहार है। इस खास मौके पर कविताएं प्रकृति की सुंदरता, हरियाली और सरसों के पीले फूलों की महिमा का वर्णन करती हैं।
“खेतों में सरसों की महकती खुशबू,
तितलियां संग झूमे हवा की रु-ब-रु।
हरियाली ने ओढ़ा पीला परिधान,
बसंत ऋतु लाई नई पहचान।”
3. पतंगबाजी का आनंद
उत्तर भारत में पतंगबाजी बसंत पंचमी का अभिन्न हिस्सा है। इस विषय पर कविताएं इस परंपरा और उमंग को दर्शाती हैं।
“नीला आसमां और रंगीन पतंग,
हर घर में खुशी के संग।
डोर पकड़े हर मन झूमे,
बो काटा के स्वर संग झूले।”
4. बच्चों की कविताएं
बच्चों के लिए बसंत पंचमी पर सरल और छोटी कविताएं उन्हें त्योहार के महत्व को समझाने और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने में सहायक होती हैं।
“पीला-पीला सरसों का फूल,
बसंत पंचमी लाई है कूल।
देवी सरस्वती का गान करें,
मिलकर सब त्योहार मनाएं।”
ये भी पढ़े ! Basant Panchami 2025: साल 2025 में कब है बसंत पंचमी, जानें इसके शैक्षिक और सांस्कृतिक महत्व!
बसंत पंचमी पर लिखी गई कुछ लोकप्रिय कविताएं

देखो-देखो बसंत ऋतु है आयी, अपने साथ खेतों में हरियाली लायी।।
किसानों के मन में हैं खुशियाँ छाई, घर-घर में हैं हरियाली छाई।।
हरियाली बसंत ऋतु में आती है, गर्मी में हरियाली चली जाती है।।
हरे रंग का उजाला हमें दे जाती है, यही चक्र चलता रहता है।।
नहीं किसी को नुकसान होता है, देखो बसंत ऋतु है आयी।।
धरा पे छाई है हरियाली, खिल गई हर इक डाली डाली
नव पल्लव नव कोपल फुटती, मानो कुदरत भी है हँस दी
छाई हरियाली उपवन मे, और छाई मस्ती भी पवन मे
उडते पक्षी नीलगगन मे, नई उमन्ग छाई हर मन मे
लाल गुलाबी पीले फूल, खिले शीतल नदिया के कूल
हँस दी है नन्ही सी कलियाँ, भर गई है बच्चो से गलियाँदेखो नभ मे उडते पतन्ग
भरते नीलगगन मे रंग, देखो यह बसन्त मसतानी, आ गई है ऋतुओ की रानी।
आया वसंत आया वसंत, छाई जग में शोभा अनंत।
सरसों खेतों में उठी फूल, बौरें आमों में उठीं झूल
बेलों में फूले नये फूल, पल में पतझड़ का हुआ अंत
आया वसंत आया वसंत।
लेकर सुगंध बह रहा पवन, हरियाली छाई है बन बन,
सुंदर लगता है घर आँगन, है आज मधुर सब दिग दिगंत
आया वसंत आया वसंत।