Shab-e-Baraat 2025: शब-ए-बारात, मुस्लिम समुदाय के लोगों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। शब-ए-बारात की रात बहुत ही पाक मानी जाती है। यह, वह रात होती है जब अल्लाह से हर गुनाह की माफी मांगी जाती है। शब-ए-बारात अल्लाह की रजा हासिल करना बेहतरीन मौका है। तो चलिए जानते है कि शब-ए-बारात क्यों मनाया जाता है। इसका इतिहास और महत्त्व क्या है।
कब है शब-ए-बरात
साल 2025 में शब-ए-बरात कब है, दरअसल, बिहार स्थित इमारत-ए-शरिया की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक भारत में 30 जनवरी 2025 को शाबान का चांद नजर आया था। लिहाजा, 31 जनवरी 2025 को शाबान की पहली तारीख थी। इस लिहाज से शब-ए-बरात 14 फरवरी यानी शुक्रवार (जुमा) मनाया जाएगा।

शब-ए-बारात का महत्त्व और इतिहास
शब-ए-बारात से जुड़ी कई तरह की मान्यताएं हैं। शिया और सुन्नी मुसलमान इसे अलग-अलग मान्यताओं से जोड़ते हैं। सुन्नी मुसलमान का मानना होता है कि इसी दिन अल्लाह के नूर के संदूक को बाढ़ से बचाया गया था। वहीं, शिया मुसलमान का मानना है कि 12वें इमाम मोहम्मद-अल-महदी की पैदाइश 15 शाबान को हुई थी, इसलिए शब- ए- बरात मनाया जाता है।
कैसे मनाते हैं शब-ए-बारात
दरअसल, शब- ए- बारात के मौके पर दिन में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं और गरीबों में बांटे जाते हैं। रात में लोग पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। पुरुष मस्जिद में नमाज अदा करते हैं, जबकि महिलाएं घर में नमाज़ पढ़ती हैं।
इसके अलावा, शब-ए- बारात की रात लोग अपने पूर्वजों की कब्रों पर जाकर उनकी मगफिरत की दुआ मांगते हैं। अगले दिन रोजा रखा जाता है, हालांकि यह फर्ज रोजा नहीं होता है, इसे नफिल रोजा कहा जाता है। यानी इसे व्यक्ति अपनी इच्छा के मुताबिक रख सकता है। वहीं, जिन लोगों के रमजान का रोजा पूरा नहीं होता है, यह रोजा नहीं रखनी चाहिए।
ये भी पढ़े ! Shab-e-Barat Shayari 2025: इन शायराना अंदाज से अपने परिजनों को दें शब-ए-बरात की मुबारकबाद!
Khatri News24 पर सबसे पहले हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़, ऑटो न्यूज़, टेक न्यूज़, बॉलीवुड न्यूज़, फाइनेंस न्यूज़, लाइफ स्टाइल न्यूज़, शिक्षा और नौकरी की खबरे एवं खेल जगत की खबरे पढ़ने के लिए हमारे WhatsApp चैनल से जुड़े !
ताज़ा समाचार के लिए आप हमारे सोशल मीडिया पेज (Facebook Page, Twitter Page, Instagram Page) को फॉलो अवस्य करे !