Tulsi Gabbard: अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को पूर्व प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के रूप में मंजूरी दे दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें इस पद के लिए चुना था। ऊपरी सदन ने गबार्ड की पुष्टि के लिए 52-48 मतों से मतदान किया। हालांकि केंटकी के रिपब्लिकन सीनेटर मिच मैककोनेल ने पुष्टिकरण का विरोध करने में डेमोक्रेट्स का साथ दिया। 20 जनवरी के बाद से गबार्ड ट्रंप की 14वीं नामांकित उम्मीदवार हैं जिनकी पुष्टि की गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका पहुंच चुके हैं। अमेरिका पहुंचने पर एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने वाशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की. उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट कर बताया कि भारत-यूएसए ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। इस दौरे पर पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
कौन हैं Tulsi Gabbard?
दरअसल, तुलसी गबार्ड एक पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन हैं, जिन्होंने हवाई राज्य 2013 से 2021 तक अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में अपनी सेवा दी। वह अमेरिकी सेना के नेशनल गार्ड में मेजर के पद पर अपनी सेवा दे रहे है। तुलसी गबार्ड पहली हिंदू अमेरिकी कांग्रेसवुमन हैं और उनकी भारतीय संस्कृति और धर्म से जुड़ी पहचान ने उन्हें अमेरिकी राजनीति में अलग पहचान बनाई है। साल 2020 में उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी भी लांच की थी।

18 अलग-अलग खुफिया एजेंसियों में काम करेगी तुलसी
तुलसी गबार्ड अब अमेरिका की 18 अलग-अलग खुफिया एजेंसियों की समन्वयक के रूप में कार्य करेंगी। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासनिक संरचनाओं में बड़े बदलाव कर रहे हैं।गबार्ड ने अपनी नियुक्ति के बाद कहा, मैं इस देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ काम करूंगी।
हमारा उद्देश्य पारदर्शिता और सुरक्षा के संतुलन को बनाए रखना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी नियुक्ति अमेरिकी खुफिया समुदाय के लिए एक बड़ा बदलाव ला सकती है, खासकर विदेशी नीतियों और साइबर सुरक्षा मामलों में। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इन चुनौतियों से कैसे निपटती हैं।
भारत से Tulsi Gabbard का क्या है कनेक्शन
एक मीडिया रिपोर्ट की मानें तो, तुलसी गबार्ड खुद को हिंदू बताती हैं, लेकिन वह भारतीय मूल की नहीं हैं। तुलसी गबार्ड का जन्म 12 अप्रैल 1981 को अमेरिकी समोआ में माइक गबार्ड और कैरल गबार्ड के घर हुआ था। 1983 में जब गबार्ड दो साल की थीं। उनका परिवार हवाई वापस चला गया था, जहां वे 1970 के दशक के अंत में रहते थे। उनकी मां कैरल गबार्ड ने हिंदू धर्म अपना लिया था, जबकि उनके पिता कैथोलिक क्रिश्चियन थे।
Tulsi Gabbard को अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने दिलाई शपथ
अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाने का आह्वान करते हुए व्हाइट हाउस के एक्स हैंडल पर लिखा गया, ‘तुलसी गबार्ड को ओवल ऑफिस में देश की अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में शपथ दिलाई गई है।
पीएम मोदी ने तुलसी गबार्ड से की मुलाकात
वाशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से पीएम मोदी की मुलाकात। साथ ही, पीएम ने उनकी नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट लिख बताया कि भारत-यूएसए मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसकी वे हमेशा से प्रबल समर्थक रही हैं।
ये भी पढ़े ! National Women’s Day 2025: क्यों मनाया जाता है ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’, जानें इसके इतिहास और महत्त्व!
Khatri News24 पर सबसे पहले हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़, ऑटो न्यूज़, टेक न्यूज़, बॉलीवुड न्यूज़, फाइनेंस न्यूज़, लाइफ स्टाइल न्यूज़, शिक्षा और नौकरी की खबरे एवं खेल जगत की खबरे पढ़ने के लिए हमारे WhatsApp चैनल से जुड़े !
ताज़ा समाचार के लिए आप हमारे सोशल मीडिया पेज (Facebook Page, Twitter Page, Instagram Page) को फॉलो अवस्य करे !