National Women’s Day 2025: हर साल 13 फरवरी को भारत में ‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन भारतीय समाज में महिलाओं के योगदान, उनके संघर्ष और उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए इस दिन को समर्पित किया गया है। इस अवसर पर महिलाओं को ना सिर्फ अधिकारों और समानता पर जोर दिया जाता है, बल्कि उनकी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति को भी बढ़ावा देने का काम करती है।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस?
राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत भारत की पहली महिला राज्यपाल और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिन से हुआ है। 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में जन्मीं सरोजिनी नायडू को उनके साहित्यिक योगदान और राजनीतिक सक्रियता के लिए ‘भारत कोकिला’ के नाम से जाना जाता है।
हालाँकि, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और महिलाओं को राजनीति में भागीदारी भी प्रेरित किया है। साल 1947 में, वह उत्तर प्रदेश की राज्यपाल बनीं, जो किसी भी भारतीय महिला के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी। उनके सम्मान में, 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाए एक कदम
दरअसल, राष्ट्रीय महिला दिवस ना सिर्फ सरोजिनी नायडू की विरासत को याद करता है, बल्कि यह महिलाओं के अधिकारों, उनकी समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का अवसर भी है। यह दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आज भी महिलाओं को कई क्षेत्रों में असमानताओं का सामना करना पड़ता है।
‘राष्ट्रीय महिला दिवस’ के लिए एकता का प्रतीक है यह उत्सव
देशभर में राष्ट्रीय महिला दिवस को विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है।
- शिक्षण संस्थान और कार्यस्थल: महिलाओं के सम्मान में विशेष कार्यक्रम, संगोष्ठियां और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
- सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम: नाटकों, कविताओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से महिलाओं की उपलब्धियों को दर्शाया जाता है।
- सोशल मीडिया अभियान: #NationalWomensDay के तहत लोग प्रेरणादायक कहानियां साझा करते हैं और महिलाओं के योगदान को सराहते हैं।
- सरकारी और गैर-सरकारी कार्यक्रम: महिला सशक्तिकरण पर कार्यशालाएं, स्वास्थ्य शिविर और कानूनी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
सरोजिनी नायडू को क्यों कहते हैं भारत कोकिला
वैसे तो सरोजिनी नायडू के नाम कई उपलब्धियां हैं लेकिन साहित्यिक योगदान पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उन्होंने कई कविताएं लिखी, कुछ कविताएं तो पाठ्यक्रम में शामिल की गईं। क्योंकि वह बहुत ही मधुर स्वर में अपनी कविताओं का पाठ किया करती थीं, इसी कारण सरोजिनी नायडू को भारत कोकिला कहा जाता था।
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