Sankashti Chaturthi 2025 February: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत को विशेष शुभ और फलदायी माना जाता है। इस व्रत का अर्थ ही “संकटों से मुक्ति” है। मास में दो बार गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक श्री गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है।
2025 में कब है संकष्टी चतुर्थी
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 15 फरवरी को रात 11 बजकर 52 मिनट पर होगा। चतुर्थी तिथि 17 फरवरी को तड़के 2 बजकर 15 मिनट तक मान्य है। उदयातिथि और चतुर्थी के चांद निकलने के समय के आधार पर देखा जाए तो फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी का व्रत 16 फरवरी रविवार को रखा जाएगा।
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त
फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 16 मिनट से सुबह 6 बजकर 7 मिनट तक है। यह समय स्नान और दान के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना गया है। चतुर्थी का शुभ मुहूर्त यानि अभिजीत मुहूर्त दोपहर में 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक है। लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह में 09:47 बजे से 11:11 बजे तक है। वहीं अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त 11 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है।

संकष्टी चतुर्थी 2025 का महत्त्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से जीवन में आने वाली समस्त प्रकार की विघ्न-बाधाएं दूर हो जाती है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से जातक के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है और उसके वन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान निकलता है।
संकष्टी चतुर्थी 2025 पूजा विधि
- इस दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
- पूजा से पहले संकल्प लिया जाता है कि व्रती विधिपूर्वक व्रत करेंगे और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र को एक चौकी पर स्थापित करें।
- पूजा में भगवान गणेश को लाल फूल, दूर्वा, मोदक, लड्डू, चंदन, फल, पंचामृत और धूप-दीप अर्पित करें।
- गणेश मंत्रों का जाप करना इस दिन विशेष फलदायी माना जाता है। “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। पूजा के बाद कथा का श्रवण करना आवश्यक होता है।
2 शुभ योग में फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी 2025
इस साल की फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी के दिन 2 शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 6 बजकर 59 मिनट से अगले दिन 17 फरवरी को प्रात: 4 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इसी समय में अमृत सिद्धि योग भी बनेगा।
व्रत के दिन इनके अलावा धृति योग सुबह में 8 बजकर 6 मिनट तक है। उसके बाद से शूल योग बनेगा। हस्त नक्षत्र प्रात: काल से लेकर 17 फरवरी को प्रात: 4 बजकर 31 मिनट तक है। फिर चित्रा नक्षत्र है। फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में होगी।
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