Narmada Jayanti 2025: इस साल कब है नर्मदा जयंती, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व!

Narmada Jayanti 2025: भारतीय संस्कृति में नदियों को मां का दर्जा दिया गया है। ऐसे में हम यह कह सकते है कि, यह हमारे लिए किसी माँ से कम नहीं। हर साल माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इस साल नर्मदा जयंती को 11 फरवरी 2025, दिन मंगलवार को पूरी श्रद्धा के साथ मनाई जाएगी। यह पर्व ना सिर्फ धार्मिक बल्कि, सांस्कृतिक के साथ-साथ जल संरक्षण को भी बहुत बड़ा सिख देती है। तो चलिए इसके शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानते है।  

माँ नर्मदा का धार्मिक और पौराणिक महत्व

हिंदू धर्म में माँ नर्मदा को बहुत बड़ा महत्त्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि माँ नर्मदा का जल गंगा से भी ज्यादा पवित्र है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि, नर्मदा नदी का जन्म भगवान शिव के पसीने की बूंदों से हुआ था। जब वे तपस्या कर रहे थे। शायद यही वजह है कि नर्मदा को शिव की पुत्री भी कहा जाता है। माँ नर्मदा को मोक्षदायिनी भी कहा गया है। उनके दर्शन और पूजा पाठ से पापों से मुक्ति मिलती है।

नर्मदा जयंती का धार्मिक उत्सव

नर्मदा जयंती के दिन माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना और कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। इस दिन श्रद्धालु नर्मदा नदी के किनारे पवित्र स्नान करते हैं, जिससे उनकी शारीरिक और आध्यात्मिक शुद्धि हो जाये। इसके आलावा, मंदिरों में नर्मदा स्तुति, हवन, और आरती का भाव आयोजन भी करवाया जाता है। इसमें कुछ विशेष आयोजन स्थलों को शामिल किया गया है, जैसे: 

  • अमरकंटक (नर्मदा नदी का उद्गम स्थल)
  • जबलपुर (भेड़ाघाट और ग्वारीघाट)
  • ओंकारेश्वर (नर्मदा तट पर स्थित ज्योतिर्लिंग)

जानकारी के लिए आपको बता दें कि, अमरकंटक में इस दिन भव्य समारोह आयोजित भी किए जाते हैं, जिसमें संत-महात्मा प्रवचन देते हैं। इसके आलावा पास ही में भजन-कीर्तन भी कराये जाते हैं। वही, जबलपुर के ग्वारीघाट में नर्मदा आरती का भाव आयोजन किया जाता है, जो भक्तो को अपनी ओर आकर्षित करते है।

माँ नर्मदा की परिक्रमा

नर्मदा जयंती पर माँ नर्मदा की परिक्रमा का विशेष महत्व दिया गया है। ऐसे में कई संतो का दावा है कि, नर्मदा परिक्रमा लगभग 2600 किलोमीटर लंबी होती है, और इसे जीवन में कम से कम एक बार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके आलावा इस परिक्रमा में श्रद्धालु नर्मदा के दोनों किनारों पर पैदल यात्रा करते है।

प्रमुख झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम

दरअसल, नर्मदा जयंती के शुभ अवसर पर कई जगहों झांकियां और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनमें माँ नर्मदा की महिमा और उनकी पौराणिक कथाओं को दर्शाया जाता है। इसके आलावा अमरकंटक और जबलपुर जैसे जगहों पर रंग-बिरंगी झांकियां निकाली जाती हैं, जिसमें माँ नर्मदा के रूपों को दिखाया जाता है। 

नर्मदा जयंती का क्या महत्व

नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर भक्तजन नर्मदा नदी की पूजा करते हैं। मां नर्मदा की पूजा से साधक के जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। इतना ही नहीं, दावा यह भी है कि, इसके स्नान और पूजन से सभी कष्टों से मुक्ति भी छुटकारा मिलता है। और नर्मदा जयंती के दिन इस नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

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