Mahashivratri 2025: पूरे 60 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा ये विशेष योग, इस दिन जरूर करें ये काम!

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। यह ये पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही विशेष है, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का पूजन और व्रत करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन भगवान शिव का पूजन और व्रत करने वालों के जीवन से सभी दुख दूर हो जाते हैं और खुशियों का आगमन होता है। 

Mahashivratri 2025
Mahashivratri 2025

26 फरवरी को इस बार जो महाशिवरात्रि आएगी, उसमें कई विशेष योग बनेंगे. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने लोकल 18 को बताया कि महाशिवरात्रि पर करीब साठ साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है। इससे वर्ष 1965 के बाद यह दूसरा मौका है। जब महाशिवरात्रि 26 फरवरी को धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, शकुनी करण और मकर राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है। दरअसल, इस दिन चार प्रहर की साधना से शिव की कृपा प्राप्त होगी। यह एक विशिष्ट संयोग है, जो लगभग एक शताब्दी में एक बार बनता है, तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है। 

शिवरात्रि पर इन बातों का रखें खास ध्यान 

धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। इसके अलावा कुमकुम और सिंदूर शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए, टूटे हुए बेलपत्र चढ़ाने से बचें। भगवान शिव को कभी भी नारियल का जल अर्पित ना करें। महाशिवरात्रि भगवान शिव की भक्ति और आराधना का विशेष पर्व है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। 

Mahashivratri 2025
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महाशिवरात्रि पर क्या ना करें

  • महाशिवरात्रि के दिन काले या नीले रंग के वस्त्र धारण पहनने से बचें।
  • महाशिवरात्रि व्रत रखा है तो अन्न का सेवन न करें। आप दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं।
  • महाशिवरात्रि वाले दिन देर तक न सोएं। संभ हो तो रात के समय सोने से बचें।
  • भगवान शिव पर टूटे हुए अक्षत, कटे फटे हुए बेलपत्र और बासी फूल न चढ़ाएं।
  • शिवलिंग पर सिंदूर, तुलसी के पत्ते भी न चढ़ाएं।
  • इस दिन किसी का दिल न दुखाएं।

महाशिवरात्रि पर क्या करें

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक या अभिषेक जरूर करें। संभव हो तो महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा करें। इसके अलावा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का जप करना लाभकारी होता है। इस दिन रात्रि जागरण के समय भगवान शिव के भजन और मंत्रों का जप भी जरूर करें।

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